राजगढ़ : कोरोना संक्रमण के कारण बंद स्कूलों में शिक्षक बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। शासन ने हमारा घर हमारा विद्यालय अभियान 6 जुलाई से आरंभ किया। इसमें कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए घर पर ही स्कूलों जैसी गतिविधियां संचालित कराई जा रही है। अभियान में सुबह 10 बजे घर के सदस्य द्वारा घंटी बजाकर कक्षा की शुरूआत और दोपहर एक बजे कक्षा समाप्त की जा रही है। इस अभियान में अकादमिक, खेल-कूद एवं मनोरंजन, कहानी सुनना एवं कहानी रचना व मस्ती की पाठ शालाएं, रेडियो बालसभा जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया है। , रेडियो वाट्सएप ग्रुप व दक्षता उन्नयन की वर्कबुक के माध्यम से देखना, सुनना व लिखना जैसे कार्य कराए जा रहे हैं और उनके पास मोबाइल नहीं है। जिसके चलते शिक्षा के द्वारा चौपाल लगाकर बच्चों की पढ़ाई की जा रहा है। जिसका यह परिणाम है कि प्रदेश में राजगढ़ जिला तीसरे स्थान पर आ गया। अब भी जिले के दो हजार से ज्यादा शिक्षकों ने यह जानकारी ऑनलाइन दर्ज नहीं की गइ। यदि ऐसा होता है तो प्रदेश में पहले स्थान पर भी आ सकते हैं। शासन के निर्देश में प्रथम सप्ताह अभियान में अभिभावकों को इसके लिए प्रेरित करने, अभिभावकों को ही शिक्षक की जिम्मेदारी निभाने और गांव के प्रत्येक घरों से घंटी बजाकर स्कूल का माहौल तैयार कराने की बात कही गइ थी। जिसमें यह बात सामने आई है कि लगभग उक्त शिक्षक इस काम में रूचि नहीं दिखा रहे हैं।
आंकड़ों में समझे योजना के प्रति शिक्षकों की गंभीरता
2048 कुल स्कूल-, 1903 स्कूलों ने दर्ज की जनकारी, 92.9 दर्ज हो चुकी जानकारी का प्रतिशत, 145 स्कूलों ने दर्ज नही की जानकारी, 6985 कुल शिक्षक है। जिनमे से 4731 शिक्षकों ने दर्ज की जानकारी दर्ज की है। षिक्षा विभाग के अधिकारी श्री विक्रम सिंह राठौर ने बताया कि लगातार यही प्रयास कर रह् हैं कि कुछ भी हो लेकिन बच्चों की पढ़ाई जारी रहे इसी कड़ी में सभी शिक्षकों योजना के तहत जागरुक किया। अब कोशिश है कि हम प्रदेश में नंबर-१ पर रहें।
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