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रुद्रपुर देवरिया की बंद पड़ी पूर्वांचल की चीनी मिलें शुरू की जावे : प्रजापति


देवरिया (रुद्रपुर) : प्रेस वार्ता में भागीदारी आंदोलन मंच, गोरखपुर मंडल के संयोजक राजू कुमार प्रजापति ने कहा की कभी चीनी मिल का कटोरा कहा जाने वाला पूर्वांचल जनपद की कुशीनगर एवं देवरिया की बंद चीनी मिलें अब तो चलाए सरकार।


ज्ञातव्य हो कि श्रमिकों को रोजगार देकर पूर्वांचल के विकास के निमित्त अंग्रेजी शासन में दोनों जनपदों की 14 चीनी मिलें लगाई गई थी, जो केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के गलत नीतियों के चलते एक-एक करके 9 चीनी मिलें बंद हो गए। केवल 5 चीनी मिलें ही आज संचालित है। विशाल गन्ना क्षेत्र के कारण दूसरे प्रदेशों में गन्ने की सप्लाई कर किसान अपने गन्ने की खपत करता है आज covid 19 के महामारी में सरकार ने मजदूरों को वापस तो बुला लिया लेकिन अब उनके जीवन उपार्जन के लिए कोई इंतजाम नहीं किया सरकार के 20 लाख करोड़ का पैकेज में से उन्हें फूटी कौड़ी भी नहीं मिली? आज पूर्वांचल का श्रमिक और किसान जिनकी फसलें ओला दृष्टि की भेंट चढ़ गई है तथा पहले से ही आर्थिक तंगी के शिकार आज अब दोहरी मार झेल रहा है सरकार द्वारा घोषित लघु एवं कुटीर उद्योगों को अब तक अमलीजामा नहीं पहना सकी? श्रमिकों का रोजगार छिन गया फसलों के पैदावार घट गए गेहूं की खरीद नहीं हुई, गन्ने का भुगतान बाकी है, किसान और मजदूर का जरूरी काम अब रूक ग‌ए। उनके बच्चों के खाने के लाले पड़ गए हैं सरकार ने आर्थिक तंगी झेल रहे किसानों को सहायता की बात तो की है जो बद इन्तजामी का शिकार होता जा रहा है। किसान मजदूर की हालात बद से बदतर होती जा रही है ऐसी दशा में जनता मे भूख और कंगाली के चलते अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। क्योंकि सरकार किसानों मजदूरों के बदौलत सत्ता में आई थी अब उनके साथ धोखा कर रही है‌। 2014 के चुनाव के पूर्व स्वयं प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में इन बंद चीनी मिलों को चलाकर अच्छे दिन लाने का वादा किया था वह झूठा निकला। आज महामारी के संकट से इन मजदूरों और किसानों की हालत बद से बद्तर हो गई है उन्हें रोजी रोटी से जोड़ने के लिए यदि चीनी मिलों को चलाकर श्रमिकों को रोजगार दे दिया जाए तो उनका उनके रोजी-रोटी की समस्या का हल हो सकता है। क्योंकि इन बन्द चिनी मिलों के पास पर्याप्त जमीन एवं संसाधन पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद होने के कारण उद्योग को गतिशील करने में देरी नही होगी। श्रमिकों को तत्काल रोजगार से जोड़ा जा सकता है। अतः अपेक्षा है कि तत्काल उत्तर प्रदेश की सरकार इस दिशा में कार्य करे। यदि सरकार इन मजदूरों एवं किसानों के लियें बन्द चीनी मिलों को चलाने की दिशा में ठोस कदम नही उठाती है तो माना जायेगा की भाजपा सरकार पूरी तरह से किशान एवं मजदूर विरोधी है। जिसके लिए *भागीदारी आंदोलन मंच* आंदोलन करने को बाध्य होगी। और इन श्रमिकों के रोज़ी रोटी से जोड़ने वाली लडाई को सड़क से शदन तक लड़ने का काम करेगी।


 


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