देवरिया : जिला महिला अस्पताल की इमरजेंसी में इलाज के दौरान मंगलवार को एक गर्भवती महिला की मौत हो गयी। इस दौरान कोरोना की अफवाह से हड़कंप मच गया। महिला को पहले से खांसी और जुकाम था। स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा इंजेक्शन लगाने के चंद मिनट बाद ही महिला चल बसी। बाद में पता चला कि वह एनेमिया से पीड़ित थी।
आज एक गर्भवती महिला जो भलुअनी थाना क्षेत्र के मोहनी मठिया निवासी रामसूरत चौहान की पत्नी शीला देवी 22 वर्ष थी। मंगलवार की उसकी सांस तेज चलने पर परिजनों ने एबुलेंस बुलाया। आशा शशिकला के साथ पति रामसूरत और उसकी मां गर्भवती को एबुलेंस से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परसिया चंदौर पहुंचे। वहां से रेफर होने के बाद गर्भवती को जिला महिला अस्पताल की इमरजेंसी पर लाया गया। गर्भवती की उल्टी सांस चलने और खांसते देख डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मी कोरोना की आशंका से भयभीत हो गये।
आशा के अनुसार डाक्टर कहने लगी कि इसमें कोरोना जैसा लक्षण दिख रहा है। इसके बाद डाक्टर व स्टाफ नर्सो ने पीपीई किट पहन कर मरीज की जांच की। उन्होंने बताया कि अभी प्रसव होने का समय नहीं हैं क्युकी महिला बहुत कमजोर है और गर्भवती को खून की कमी हैं। इसके बाद उन्होंने दो इंजेक्शन लगाया। इसके कुछ मिनट बाद ही गर्भवती की मौत हो गयी। गर्भवती की मौत होते ही डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मी परिजनों के बवाल करने के भय से भाग खड़े हुए। शीला के पति रामसूरत और उसकी सास दहाड़े मार कर रोने लगे और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाने लगे। उनकी मौके पर कोतवाली पुलिस पहुंची, इसके बाद सीएमएस डा.माला सिन्हा व अन्य डाक्टर, स्वास्थ्य कर्मी आये। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
गर्भवती महिला एनेमिक थी। खून की कमी व बीमारी के चलते काफी कमजोर हो गयी थी। इलाज में कोई लापरवाही नहीं की गयी है। कोरोना को देखते हुए संदेह होने पर पीपीई किट पहन कर इलाज का निर्देश है। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने निर्देश के अनुसार काम किया।
डा.माला सिन्हा, सीएमएस
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